बौद्ध धर्म का उदय।गौतम बुद्ध। Buddhism। baudh dharm

बौद्ध धर्म baudh dharm

☞ बौद्ध धर्म का उदय

✍ यह वह समयथा जब चीन में कन्फ्यूशियस अपने विचारो का प्रचार कर रहे थे, यूनान में सुकरात अपने दार्शनिक सिद्धांतो का प्रचार कर रहे थे, और भारत में अगर बात करे तो लोगो के धार्मिक दृष्टिकोण में परिवर्तन देखने को मिल रहा था, मतलब लोग ऐसे धर्म की खोज में जुटे थे जो सरल और उच्चस्तरीय हो। 

इसी समय भारत में महात्मा बुद्ध और महावीर स्वामी दो महान व्यक्तियों का प्रभाव देखा गया इन दोनों ने भारत में चल रही प्राचीन धार्मिक परम्पराओ का और अंधविश्वासों का विरोध किया और लोगो के समक्ष बौद्ध धर्म और जैन धर्म विचार को प्रसार होने लगा।

☞ बोधिसत्व

यह एक संस्कृत शब्द है जिसका प्रयोग ऐसे व्यक्ति के लिए किया जाता था जिसका नियति में आगे चलकर बुद्ध बनना सिखा था। जातकों (बोसधसत्वों की कथाओं का वर्नण करने बौद्ध ग्रंथ) के अनुसार ज्ञान प्राप्ति से पूर्वबुद्ध के कई जन्म हुए थे।

बुद्ध के इन सारे पूर्व जन्मों को बोसधसत्व के नाम से जाना जाता है। 

बोसधसत्व की धारणा आरम्भिक बौद्ध धर्म (थेरवाद/स्थक्तवरवाद-बौद्ध धर्म का परम्परावादी संप्रदाय) में भी पाई जाती है। किन्तु इसके अधिक महत्व महायान पंथ में ईसा की आरंभिक सताब्दियों के दौरान ही मिला था। ऐसा माना जाता था। बौधित्सव बहुत ही दयालु थे, जो अपने प्रयत्नों से पुण्य कमाया था परःतु उन्होंने निर्वाण प्राप्ति के लिए नहीं बल्कि दुसरो की मदद करने में किया।
छठी शताब्दी ई सा पू जो है , भारतीय इतिहास में धार्मिक क्रांति के रूप में जाना जाता है।

 बुद्ध का परिचय

✍ बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध थे।
✍ इन्हे ही Light of Asia कहा जाता है।

✍गौतम बुद्ध का जन्म 563 ई सा पूर्व कपिलवस्तु के लुम्बिनी नामक स्थान पर हुआ था, तीसरी शताब्दी ई सा पूर्व अशोक ने इसी स्थान पर बुध की स्मृति में स्तम्भ का निर्माण कराया था।

✍ बुद्ध शाक्य वंश से सम्बंधित थे इनके पिता का नाम शुद्धोधन था जो कपिलवस्तु के एक छोटे से गणराज्य के प्रधान थे।

✍ गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था, जन्म के तुरंत बाद ही इनकी माता का देहांत हो गया था इस लिए इनका पालन पोषण इनकी मौसी ” प्रजापति गौतमी ” ने किया इसी कारण ये गौतम कहलाये।

☛ Note:- ध्यान रखिये पहली महिला जिसने बौद्ध धर्म को ग्रहण किया वो ” प्रजापति गौतमी ” ही थी।

✍ शुरुआत से ही गौतम बुद्ध का मन आध्यात्मिकता को और था पर इनके पिता इसको लेकर चिंतित रहा करते थे इसलिए जब गौतम 16 वर्ष के हुवे तो इनका विवाह यशोधरा के साथ कर दिया गया 28 वर्ष की उम्र में इन्हे पुत्र हुआ जिसका नाम राहुल था।
✍ राहुल का अर्थ :- एक और बंधन।
✍इतना सब होने पर भी बुद्ध का मन दाम्पत्य जीवन में नहीं लगा और 29 वर्ष की उम्र में इन्होने गृह त्याग कर दिया।

✍ 7 वर्षो तक ज्ञान की खोज में इधर उधार भटकते रहे इसी दौरान इनकी मुलाकात बिंबसार, उदयन और आलार कलाम से हुई।
✍आलार कलाम ही सिद्धार्थ के प्रथम गुरु थे।
✍ उसके बाद 35 वर्ष की अवस्था में गौतम बिहार के उरुबेला नामक स्थान पहुंचे। बाद में यह उरुबेला ही बौद्ध गया के नाम से जाना गया।

बौद्ध धर्म
Baudh Dharm

✍ यहाँ पर ही गौतम बुद्ध ने पीपल के पेड़ के निचे ज्ञान प्राप्त करने के लिए समाधी लगाई थी, और 49 वे दिन ज्ञान की प्राप्ति हुई।
✍ तभी से ये पीपल का पेड़ बोधि वृक्ष के नाम से जाना गया और ज्ञान प्राप्त करने के बाद सिद्धार्थ बुद्ध कहलाये क्योकि बुद्ध का अर्थ होता है ”ज्ञान प्राप्ति ”।
✍ इसके बाद महात्मा बुद्ध ने वाराणासी के समीप सारनाथ में अपने पांच ब्राह्मण शिष्य को पहली बार उपदेश दिया और इसी चीज़ को बौद्ध  ग्रंथो में धर्मचक्र-प्रवर्तन कहा गया |

✍बुद्ध ने अनेक राज्यों का भ्रमण किया और उपदेश दिए प्रमुख प्रचार का केंद्र मगध था इस लिए बिम्बसार, उदयन जैसे मगध शासक बुद्ध के अनुयायी बन गए।

☛ Note :- बुद्ध ने सबसे ज्यादा उपदेश श्रावस्ती में दिए थे। बुद्ध ने आस्तांगिक मार्ग को अपनाने को कहा है।

✍ बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए महात्मा बुद्ध ने बौद्ध संघ की स्थापना की, संघ वह स्थान था जिसमे भिक्षु अपना घर छोड़कर निवास करते थे और जीवन भर बौद्ध धर्म का प्रचार करते थे।

☞ बुद्ध के अनुयायी दो भागो में विभाजित थे।

  1. भिक्षुक :-बौद्ध धर्म  के प्रचार के लिए जिन्होंने सन्यास ग्रहण किया
  2. उपासक :- गृहस्थ जीवन व्यतीत करते हुए बौद्ध धर्म को अपनाने वालो को उपासक कहा गया

✍ समय-समय पर बौद्ध धर्म को समझाने हेतु बौद्ध सभाएं आयोजित की गई जिन्हे बौद्ध संगीति के नाम से जाना जाता है।
✍ 483 ई सा पूर्व जब बुद्ध 80 वर्ष के थे तब उनका निधन (महापरिनिर्वाण) कुशीनगर में हुआ।

✍ निधन के पश्चात बुद्ध की अस्थि अवशेषों को विभाजित कर भारत के 8 भागो में स्थापित कर स्तूपों का निर्माण कराया गया इनमे से सबसे बड़ा स्तूप सांची में स्थित है ।

☞ बौद्ध धर्म के सिद्धांत

बुद्ध ने अपने अनुयायियों को सांसारिक सुख में भोग के दो चरम से बचने और कठोर संयम और तपस्या के अभ्यास के लिए कहा। उन्होंने ‘मध्य मार्ग’ या बीच का रास्ता निकाला, जिसका अनुसरण किया जाना था। उनके अनुसार हर कोई जीवन में अपनी खुशी के लिए जिम्मेदार था, बौद्ध धर्म baudh dharm के व्यक्तिवादी घटक पर जोर दिया।

बौद्ध धर्म के तीन रत्न है

  1. बुद्ध
  2. धम्म
  3. संघ

✍ बोद्धो का सबसे पवित्र त्यौहार वैशाखी पूर्णिमा है, जिसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। क्योकि उसी दिन बुद्ध का जन्म और ज्ञान की प्राप्ति हुआ था।

✍बुद्धो के प्रमुख ग्रन्थ – ‘‘त्रिपिटक” है।

✍ शुरूआती बौद्ध ग्रंथो की भाषा पाली रही बाद के ग्रन्थ संस्कृत भाषा में लिखे गए।

✍बोद्धो का विख्यात ”विक्रमशिला ” विश्वविद्यालय की स्थापना धर्मपाल ने की थी।

✍भारत में उत्पन्न सबसे अंतिम बौद्ध धर्म ग्रन्थ – वामसाथ पाकसिनी है।

धातु के सिक्के सबसे पहले बौद्ध काल में ही प्रकट हुये।

बौद्ध संगीति ☞

पहली परिषद यह राजा अजातशत्रु के संरक्षण में लगभग 483 ईसा पूर्व बुद्ध के महा-परिनिर्वाण के तुरंत बाद आयोजित किया गया था और इसकी अध्यक्षता एक भिक्षु महाकश्यप ने की थी। परिषद राजगृह में सत्तपानी गुफा में हुई थी। परिषद को बुद्ध की शिक्षाओं शिष्यों के नियमों के संरक्षण के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।

इस परिषद के दौरान, बुद्ध की शिक्षाओं को तीन पिटकों में विभाजित किया गया था। ☞ दूसरी परिषद यह 383 ईसा पूर्व में राजा कालसोक के संरक्षण में बिहार के एक गांव वैशाली में आयोजित किया गया था। इसकी अध्यक्षता सबकामी ने की थी। ☞ तीसरी परिषद यह 250 ईसा पूर्व में अशोक के संरक्षण में पाटलिपुत्र  में आयोजित किया गया था और इसकी अध्यक्षता मोग्गलिपुत्त तिस्सा ने की थी।

☞ चौथी बौद्ध संगीति यह 72 ईस्वी में कुंडलवन, कश्मीर में आयोजित किया गया था। इसकी अध्यक्षता वसुमित्र ने की थी, जबकि अश्वघोषराजा कनिष्क के राजा कनिष्क के संरक्षण में थे।

 Baudh Dharm

Rise of Buddhism

This was when Confucius was preaching his ideas in China. Socrates was preaching his philosophical principles in Greece. In India, if we talk, we saw a change in the people’s religious attitude, meaning people like that—engaged in the search for a simple and high level.

Simultaneously in India, the influence of two great personalities, Mahatma Buddha and Mahavira Swami, was seen. These two opposed the ancient religious traditions and superstitions in India, and the idea of ​​Buddhism and Jainism began to spread among the people.
Bodhisattva

It is a Sanskrit word used for a person who was destined to become a Buddha later. According to the Jatakas (Buddhist texts narrating the stories of the Bosadhasatvas), many births of pre-Buddha were born after attaining knowledge. All these pre-births of Buddha are known as Bosadhasatva.

The notion of Bosadhasatva is also found in early Buddhism (Theravada / Sthaktavarvada-traditionalist sect of Buddhism). But its greater importance was found in the Mahayana cult during the first centuries of Christ. It was supposed to be Buddhists who were very kind, Who had earned virtue by his efforts, but he did it not to achieve nirvan but to help others.
The sixth century AD is known as the Religious Revolution in Indian history.

Introduction to Buddha

The founder of Buddhism was Gautama Buddha.
These are called the Light of Asia.

Gautama Buddha was born at a place called Lumbini in Kapilavastu before 563 AD. In the third century BC, Ashoka built a pillar in memory of Mercury at this place.

✍ The Buddha belonged to the Shakya dynasty. His father’s name was Suddhodhana, who was the head of a small republic of Kapilavastu.

✍ Gautam Buddha’s childhood name was Siddhartha; his mother died soon after birth, so he was brought up by his aunt “Prajapati Gautami” for this reason, he was called Gautam.

☛ Note: – Keep in mind that the first woman who embraced Buddhism was “Prajapati Gautami.”

From the beginning, Gautam Buddha had a mind for spirituality, but his father was worried about it, so when Gautam was 16 years old, he was married to Yashodhara. At the age of 28, he had a son named Rahul.
✍ Rahul means: – Another bond.
Even though all this happened, Buddha’s mind did not feel in married life, and at the age of 29, he left home.

✍ For seven years, he kept wandering here in search of knowledge. During this time, he met Bimbasar, Udayan, and Alar Kalam.
Alar Kalam was Siddhartha’s first guru.
✍ After that, at the age of 35, Gautam reached a place called Urubela in Bihar. Later it became known as Urubella Buddhist Gaya.

✍ It was here that Gautama Buddha placed Samadhi under the Peepal tree to attain enlightenment, and on the 49th day, enlightenment was attained.
Since then, this peepal tree has been known as the Bodhi tree, and after attaining enlightenment, it is called Siddhartha Buddha because Buddha means “attainment of knowledge.”
✍ Mahatma Buddha preached for the first time to his five Brahmin disciples at Sarnath near Varanasi, and this is what is called Dharmachakra-pravartan in Buddhist texts.

✍Buddha visited many states and preached. Magadha was the center of powerful preaching, so Magadha rulers like Bimbasara, Udayan, became followers of Buddha.

☛ Note: – Buddha gave the most sermons in Sravasti. The Buddha has asked us to adopt the Astanga path.

For the propagation of Buddhism, Mahatma Buddha established the Buddhist Sangh, where monks used to leave their homes and live and preach Buddhism throughout their lives.

The followers of Buddha were divided into two parts.
Monks: – For the propagation of Buddhism, who took sannyasa.
Worshipers: – Those who adopt Buddhism while living a domestic life were called worshipers.

From time to time, Buddhist meetings were organized to explain Buddhism, which is known as Buddhist music.
✍ Before 483 AD, when Buddha was 80 years old, he died (Mahaparinirvana) in Kushinagar.

✍ After his death, the bone remains of Buddha were divided and installed in 8 parts of India. The largest of these stupas are located in Sanchi.

Principles of Buddhism

The Buddha told his followers to avoid the two extremes of indulgence in worldly pleasures and practice strict restraint and penance. He found the ‘middle way’ or middle way, which was to be followed. According to him, everyone was responsible for their happiness in life, emphasizing the individualistic component of Buddhism Baudh Dharm.

There are three gems of Buddhism

  • Buddha
  • Dhamma
  • Union

The most sacred festival of Buddhism is Vaishakhi Purnima, which is known as Buddha Purnima. Because on the same day, Buddha was born and attained enlightenment.

The significant scripture of the Buddha is “Tripitaka.”

The language of early Buddhist texts was Pali, and later books were written in the Sanskrit language.

Dharmapala established the famous “Vikramshila” University of Buddhism.

The last Buddhist scripture to originate in India is Paksini with Vam.

✍ Metal coins first appeared in the Buddhist period.

Buddhist music
First Council

It came under King Ajatashatru about 483 BC, shortly after the great prinirvana of the Buddha.

 

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